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दिल के चंद एहसास


दोस्ती खिलती है यारों, ज्यों यकीं का नूर हो
पाक हो दामन तो लगता, जख्म ज्यों महबूब हो।।
हर खता या फिर वफा, जो दोस्त करता है कभी
चाहता बस दोस्त उसका, चाँद सा मशहूर हो।।


 ----विचार एवं शब्द-सृजन----
----By---
----Shashank मणि Yadava’सनम’----
---स्वलिखित एवं मौलिक रचना---

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7 Comments

Gunjan Kamal

05-Oct-2022 06:56 PM

शानदार प्रस्तुति 👌🙏🏻

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सभी श्रेष्ठ जनों का दिल से बहुत बहुत धन्यवाद

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Supriya Pathak

02-Oct-2022 10:25 PM

Bahut khoob 🙏🌺

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